नहीं ! भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को लाहौर षड्यंत्र के मामले में मौत की सजा सुनाई गई और 24 मार्च 1931 को फांसी देने का आदेश दिया गया। कार्यक्रम 11 घंटे आगे बढ़ा था और तीनों को 23 मार्च 1 9 31 को लाहौर जेल में 7:30 बजे फांसी दी गई थी। इंकलाब जिंदाबाद !!!