क्या है मुचलका और जमानत-
अगर किसी भी व्यक्ति को सीधे-सीधे जेल न भेजकर छोड़ा जाता है तो उससे दो तरह के बॉन्ड भरवाए जाते हैं। एक सिक्योरिटी बॉन्ड और दूसरा पर्सनल बॉन्ड। आमतौर पर अदालत दोनों तरह के बॉन्ड जारी करने का आदेश देती है। कानूनी पहलू यह कहता है कि अदालत किसी को भी सिर्फ पर्सनल बॉन्ड पर छोड़ सकती है। सामान्य हिंदुस्तानी भाषा में सिक्योरिटी बॉन्ड को जमानत और पर्सनल बॉन्ड को मुचलका कहा जाता है।
बेल बॉन्ड- यह एक प्रकार का समझौता होता है। इसमें बेल के लिए एक निश्चित राशि मजिस्ट्रेट/अदालत को देनी पड़ती है लेकिन अगर व्यक्ति समझौते का पालन नहीं करता है तो जो भी धनराशि जमा की जाती है उसे जब्द कर लिया जाता है।
पर्सनल बॉन्ड- इस तरह के बॉन्ड में किसी भी तरह की राशि जमा नहीं की जाती है, लेकिन अगर आप नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो आपको निर्धारित राशि देनी पड़ती है।