लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 172 दारिस नामक सोने के सिक्के इस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल की सेवा में भेजे जाने पर कम्पनी के मालिक द्वारा उसका महत्त्व नहीं समझना एवं मुद्राओं को गला देना दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना कहा है।क्योंकि, वह एक धरोहर था, अन्वेषण का विषय था ।