Ranjit Sinh ji is known as father of indian cricket. Ranji trophy is named after him.
रणजीत सिंह का जन्म 10 सितंबर 1872 को गुजरात के नवानगर में हुआ था. रणजीत के जन्म के पांच साल बाद यानी 1877 में टेस्ट क्रिकेट शुरू हुआ.
अपने पहले मैच में रणजीत तेज खेलते हुए 23 चौके की मदद से 154 पर नॉट आउट थे और दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए जिन्हें अपने पहले टेस्ट मैच में पहली पारी में अर्धशतक और दूसरे पारी में शतक मारने का गौरव हासिल हुआ. सिर्फ इतना ही नहीं रणजीत टेस्ट क्रिकेट के पहला खिलाड़ी थे, जो अपने करियर के पहले टेस्ट मैच में शतक ठोकते हुए नॉट आउट रहे. अगर अपने पहले मैच में शतक मारने की बात की जाए तो यह रिकॉर्ड विल्लम ग्रेस के नाम है. ग्रेस ने पहले खिलाड़ी के रूप में अपने करियर का पहले टेस्ट मैच में शतक ठोकते हुए रिकॉर्ड कायम किया था, लेकिन इस मैच में ग्रेस 152 रन बनाकर आउट हो गए थे. रणजीत पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने मैंचेस्टर के ओल्ड ट्रेफ्फोर्ड मैदान पर 150 से भी ज्यादा रन बनाए.
रणजीत का क्रिकेट के प्रति इतना प्यार था कि 48 साल के उम्र में वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना चाहते थे. 1907 में रणजीत नवानगर के महाराजा बने. एक अच्छे क्रिकेटर के तरह वह एक अच्छे ऐडमिनिस्ट्रेटर भी थे. 1934 में रणजीत के नाम पर भारत ने रणजी ट्रॉफी शुरू हुई. रणजीत भारत के पहले क्रिकेट खिलाड़ी थे, जिन्हें अंतराष्ट्रीय मैचों में मौक़ा मिला था. रणजीत को भारतीय क्रिकेट का जन्म दाता माना जाता है.