आज देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो चुके हैं. देश, पूरे विश्व मे विकास के नए कीर्तिमान की तरफ बढ़ रहा है, वही भारत का एक राज्य बिहार अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अविकसित है. यह बिहार का दुर्भाग्य है कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बाद भी बिहार आज पिछड़ा है. इसके पीछे के कुछ कारण ये है.
बिहार की राजनीति. बिहार की राजनीति ही बिहा की तरक्की की सबसे बड़ी बाधक रही है. बिहार एक ऐसा राज्य रहा है, जहां गुंडा राज का बहुत चलन रहा है, और प्रशासन ने इसे खत्म करने का कोई उचित समाधान भी नही खोजा, जिस वजह से बिहार में कभी भी किसी उधोगपति में अपना कारखाना, फैक्टरी आदि लगाने में दिलचस्पी नही दिखाई, और यदि किसी ने दिखाई भी तो सीमित मात्रा में. बिहार में कोयला बहुतायत में था. तब यदि बिहार की सरकार चाहती तो वह बड़ी से बड़ी कंपनी को अपने यहां उद्योग लगाने के लिए बाध्य कर सकती थी. लेकिन ऐसा नही किया. बल्कि अपने यहां का कोयला दूसरे राज्यों में स्थापित कंपनियों के संचालन के लिए देता रहा.
अशिक्षा. बिहार के विकास में रुकावट की एक वजह वहां की अशिक्षित जनसंख्या है.
लोगों की मानसिकता. बिहार के लोगों की मानसिकता भी उनके विकास की बाधक है. बिहार में हर व्यक्ति बस सरकारी नौकरी के पीछे भागता है. IAS बनना हर युवा का सपना होता है. सरकारी नौकरी पाने वाले को बहुत दहेज और सम्मान मिलता है. ऐसे में कोई भी युवा नया बिज़नेस शुरू करने के बारे में कभी सोचता भी नही है.