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“यातना की भी एक निश्चित सीमा होती है। यातना बुद्धिमत्ता भी हो सकती है और मूर्खता भी और जब आप सीमा पर पहुँच जायें तो उसके आगे यातना सहना केवल मूर्खता है।“ यह कथन किस महापुरुष का है?

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asked in History by
महात्मा गाँधी
जवाहर लाल नेहरू
दादाभाई नौरोजी
डॉ. राजेंद्र प्रसाद

1 Answer

answered by
महात्मा गाँधी

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