अभिज्ञान शाकुन्तलम्
→'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' न केवल संस्कृत साहित्य का, अपितु विश्वसाहित्य का सर्वोत्कृष्ट नाटक है। यह महाकवि कालिदास की अन्तिम रचना है। इसके सात अंकों में राजा दुष्यन्त और शकुन्तला की प्रणय-कथा का वर्णन है। जब सन 1791 में जॉर्ज फ़ोस्टर ने इसका जर्मनी भाषा में अनुवाद किया, तो उसे देखकर जर्मन विद्वान् गेटे इतने गदगद हुए कि उन्होंने उसकी प्रशंसा में एक कविता लिख डाली थी।अधिक जानकारी के लिए देखें:-अभिज्ञानशाकुन्तलम