मंथरा
→'मंथरा' अयोध्या के राजा दशरथ की रानी कैकेयी की प्रिय दासी थी। मंथरा और कैकेयी 'केकय देश' की थीं। एक किंवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि पूर्वजन्म में मंथरा 'दुन्दुभि' नाम की एक गन्धर्व कन्या थी। जब कैकेयी का विवाह अयोध्या के राजा दशरथ से हुआ, तब मंथरा भी कैकेयी के साथ ही अयोध्या आ गई थी। 'रामचरितमानस' के अनुसार मंथरा दासी के कहने पर ही राम के राज्याभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे। पहले वर में उसने भरत को राज्यपद और दूसरे वर में राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा।अधिक जानकारी के लिए देखें:-मंथरा