अरस्तू
→'आनुपातिक समानता का सिद्धांत' राजनीतिक विज्ञान के जनक 'अरस्तू' ने प्रतिपादित किया है। इनके अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को समाज के सदस्य के रूप में उसका उचित भाग प्रदान करता चाहिए। राज्य को अपने नागरिकों के महत्त्व व योग्यता को दृष्टि में रखते हुए उनमें राजनीतिक पदों, सम्मानों, अन्य लाभों या पुरस्कारों का बंटवारा न्यायपूर्ण व अनुपातिक रूप में करना चाहिए क्योंकि इसके विषम वितरण से राज्य में असंतोष उत्पन्न होगा।