मंगल पांडे
→'मंगल पांडे' का नाम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बुरी तरह हिल गया था। मंगल पांडे की शहादत ने भारत में पहली क्रांति के बीज बोए थे। "मारो फिरंगी को" यह प्रसिद्ध नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वप्रथम आवाज़ उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे की जुबां से 1857 की क्रांति के समय निकला था। भारत की आज़ादी के लिए क्रांति का आगाज़ 31 मई, 1857 को होना तय हुआ था, परन्तु यह दो माह पूर्व 29 मार्च, 1857 को ही आरम्भ हो गई। 'फिरंगी' अर्थात् 'अंग्रेज़ या ब्रिटिश जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे, को क्रांतिकारियों व भारतियों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था। गुलाम जनता तथा सैनिकों के हृदय में क्रांति की जल रही आग को धधकाने के लिए व लड़कर आज़ादी लेने की इच्छा को दर्शाने के लिए यह नारा मंगल पांडे द्वारा गुंजाया गया था।अधिक जानकारी के लिए देखें:-मंगल पांडे