सुभद्रा कुमारी चौहान
→'सुभद्रा कुमारी चौहान' हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का राजमहलों की समृद्धि में आना जैसा एक मणिकांचन योग था, कदाचित उसके लिए 'वीरता और वैभव की सगाई' से उपयुक्त प्रयोग दूसरा नहीं हो सकता था। स्वतंत्रता संग्राम के समय जो अगणित कविताएँ लिखी गईं, उनमें "बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, ख़ूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी" कविता और माखनलाल चतुर्वेदी 'एक भारतीय आत्मा' की 'पुष्प की अभिलाषा' का अनुपम स्थान है। सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा नवीन की यशस्वी परम्परा में आदर के साथ लिया जाता है। वह बीसवीं शताब्दी की सर्वाधिक यशस्वी और प्रसिद्ध कवयित्रियों में अग्रणी थीं।अधिक जानकारी के लिए देखें:-सुभद्रा कुमारी चौहान