6.25
आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट (अल्पकालिक उधार दर) में 25 बेसिस पॉइंट्स की कमी के साथ 6.25% पर रखा है। यह निर्णय RBI गवर्नर शक्तिकांत दस की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिया गया है।
अन्य निर्णय
• किसानों के लिए जमानत मुक्त ऋण की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया गया है।
• बैंकों को बड़ी मात्रा में जमा (बल्क डिपाजिट) पर ब्याज दर देने के लिए ऑपरेशनल स्वतंत्रता।
• बड़ी मात्रा में जमा (बल्क डिपाजिट) की परिभाषा को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
रेपो दर
रेपो दर, वह दर है जिस पर आरबीआई छोटी समयावधि के लिए बैंकों को ऋण देता है। यह RBI द्वारा बैंकों से सरकारी बांड खरीदकर एक निश्चित दर पर उन्हें बेचने के लिए एक समझौते के साथ किया जाता है। जब भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर बढ़ाता है, तो बैंक को उच्च दरों पर ऋण देना पड़ता है। अत: कहा जा सकता है कि रेपो दर का बढ़ना बाजारों में ब्याज दरों में वृद्धि होने का एक कारण है।