गुरु नानक
→'गुरु नानक' सिक्खों के आदि गुरु हैं। इनके अनुयायी इन्हें 'गुरु नानक', 'बाबा नानक' और 'नानकशाह' नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक की पहली 'उदासी' (विचरण यात्रा) अक्टूबर, 1507 ई. से 1515 ई. तक रही। इस यात्रा में उन्होंने हरिद्वार, अयोध्या, प्रयाग, काशी, गया, पटना, असम, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वर, सोमनाथ, द्वारिका, नर्मदातट, बीकानेर, पुष्कर तीर्थ, दिल्ली, पानीपत, कुरुक्षेत्र, मुल्तान, लाहौर आदि स्थानों में भ्रमण किया। उन्होंने बहुतों का हृदय परिवर्तन किया। ठगों को साधु बनाया, वेश्याओं का अन्त:करण शुद्ध कर नाम का दान दिया, कर्मकाण्डियों को आडम्बरों से निकालकर रागात्मिकता भक्ति में लगाकर मानवता का पाठ पढ़ाया।अधिक जानकारी के लिए देखें:-गुरु नानक