अरिष्ट
→'वाल्मीकि रामायण' के अनुसार हनुमान एक वानर वीर थे। भगवान राम को हनुमान ऋष्यमूक पर्वत के पास मिले थे। हनुमान राम के अनन्य मित्र, सहायक और भक्त थे। माता सीता का अन्वेषण करने के लिए ये लंका गए। राम के दौत्य (सन्देश देना, दूत का कार्य) का इन्होंने अद्भुत प्रकार निर्वाह किया था। श्रीराम और लंका के राजा रावण के युद्ध में भी इनका पराक्रम प्रसिद्ध है। 'वाल्मीकि रामायण' के सुन्दर काण्ड के अनुसार लंका में समुद्रतट पर स्थित एक 'अरिष्ट' नामक पर्वत है, जिस पर चढ़कर हनुमान ने लंका से लौटते समय समुद्र को कूद कर पार किया था।अधिक जानकारी के लिए देखें:-हनुमान, अरिष्ट