फिलिप्स (M. A. Phillips) ने सल्फा-पिरिडीन बनाया, जो न्युमोनिया के संक्रमण के लिए विशिष्ट था। सन् १९३६ तथा सन् १९४३ के बीच में इस प्रकार के अनेक यौगिकों का संश्लेषण हुआ और इनमें से कई अत्यंत लाभप्रद सिद्ध हुए। द्वितीय विश्वयुद्ध में सैनिकों में इनका उपयोग बहुत हुआ, जिसके फलस्वरूप अनेक जाने बचाई जा सकीं।