अधिकार का अर्थ यह है कि मनुष्य के सामाजिक जीवन की वे परिस्थितिया है जिनके द्वारा मनुष्य अपना विकास कर सकता है तथा अधिकारों के बिना मनुष्य अपना विकास नहीं कर सकता है | जिस देश में नागरिकों को अधिकार प्राप्त नहीं होते , वहाँ के नागरिक अपना विकास नहीं कर सकते है | राज्य के द्वारा दिए गए अधिकारों को देखकर ही उस राज्य को अच्छा या बुरा कहा जा सकता है | लास्की के अनुसार, "अधिकार सामाजिक जीवन की वे परिस्थितियाँ है जिनके बिना साधारणत : कोई मनुष्य अपना विकास नहीं कर सकता |"हालैंड के अनुसार,"अधिकार एक व्यक्ति के द्वारा दुसरे व्यक्ति के कर्त्तव्यों को समाज के मन और शान्ति द्वारा प्रभावित करने की क्षमता है | "अधिकार उन बातों का प्रतिक है, जिन्हें समाज के सभी लोगों के सम्मान और गरिमा का जीवन बसर करने के लिए महत्त्वपूर्ण और आवश्यक समझते हैं। उदाहरण के लिए, आजीविका का अधिकार सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ज़रूरी है। लाभकर रोजगार में नियोजित होना व्यक्ति को आर्थिक स्वतंत्रता देता है, इसीलिए यह उसकी गरिमा के लिए प्रमुख है। लाभकर रोजगार में नियोजित होना व्यक्ति को आर्थिक स्वतंत्रता देता है, इसीलिए यह उसकी गरिमा के लिए प्रमुख है। अपनी बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति हमें अपनी प्रतिभा और रुचियों की ओर प्रवृत्त होने की स्वतंत्रता प्रदान करती है|अधिकार का महत्व - अधिकार के मांग के आधार -