Punjab(पंजाब) aur Haryana (हरियाणा)
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ब्रिटिश भारत के विभाजन उपरांत १९४७ में पंजाब राज्य को भारत और पाकिस्तान में दो भागों में बाँट दिया गया था। इसके साथ ही राज्य की पुरानी राजधानी लाहौर पाकिस्तान के भाग में चली गयी थी। अब भारतीय पंजाब को एक नयी राजधानी की आवश्यकता पड़ी। पूर्व स्थित शहरों को राजधानी बदलने में आने वाली बहुत सी कठिनाईयों के फलस्वरूप एक नये योजनाबद्ध राजधानी शहर की स्थापना का निश्चय किया गया तथा १९५२ में इस शहर की नींव रखी गई।
१ नवंबर, १९६६ को पंजाब के हिन्दी-भाषी पूर्वी भाग को काटकर हरियाणा राज्य का गठन किया गया, जबकि पंजाबी-भाषी पश्चिमी भाग को वर्तमान पंजाब ही रहने दिया था। चंडीगढ़ शहर दोनों के बीच सीमा पर स्थित था, जिसे दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी के रूप में घोषित किया गया और साथ ही संघ शासित क्षेत्र भी घोषित किया गया था। १९५२ से १९६६ तक ये शहर मात्र पंजाब की राजधानी रहा था। अगस्त १९८५ में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी और अकाली दल के संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच हुए समझौते के अनुसार, चंडीगढ़ को १९८६ में पंजाब में स्थानांतरित होना तय हुआ था। इसके साथ ही हरियाणा के लिए एक नयी राजधानी का सृजन भी होना था, किन्तु कुछ प्रशासनिक कारणों के चलते इस स्थानांतरण में विलंब हुआ। इस विलंब के मुख्य कारणों में दक्षिणी पंजाब के कुछ हिन्दी-भाषी गाँवों को हरियाणा और पश्चिम हरियाणा के पंजाबी-भाषी गाँवों को पंजाब को देने का विवाद था।
पंजाब के राज्यपाल ही चण्डीगढ़ के प्रशासक होते हैं।
source: wiki