त्रिजट
→त्रिजट मुनि अयोध्या के निवासी थे। इनकी समस्त गायें वृद्धावस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त हो चुकी थीं। त्रिजट मुनि के परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किलों से हो रहा था। जब त्रिजट को इस बात का पता लगा कि वनगमन से पूर्व श्रीराम ग़रीबों को दान दे रहे हैं, तब वह भी उनके पास सहायता प्राप्ति हेतु गया। श्रीराम कृशकाय त्रिजट को देखते ही समझ गए कि उसके पास खाद्यान्न व दूध आदि का सर्वथा अभाव है। उन्होंने कहा- "विप्र देव! आप अपने हाथ का डंडा जितनी दूर भी फेंक सकेंगे, वहाँ तक की भूमि व गायें आपकी हो जाएंगी।अधिक जानकारी के लिए देखें:-त्रिजट मुनि