अर्जुन
→भूरिश्रवा सोमदत्त का पुत्र था। महाभारत के युद्ध में भूरिश्रवा की सात्यकि के साथ अनेक बार मुठभेड़ हुई थीं। युद्ध के पांचवें दिन भूरिश्रवा ने सात्यकि के दस पुत्रों को मार डाला। युद्ध के चौदहवें दिन जयद्रथ को मारने के लिए गये हुए अर्जुन को ढूँढता हुआ तथा कौरवों की सेना में उथल-पुथल मचाता हुआ सात्यकि, भूरिश्रवा से पुन: जूझने लगा था। सात्यकि का रथ खण्डित हो गया था। वह मल्ल युद्ध में व्यस्त था। सात्यकि प्रात:काल से युद्ध करने के कारण बहुत थक गया था। भूरिश्रवा ने उसे उठाकर धरती पर पटक दिया तथा उसकी चोटी को पकड़कर तलवार निकाल ली। जिस समय भूरिश्रवा सात्यकि का वध करने वाला था, तभी अर्जुन ने कृष्ण की प्रेरणा से भूरिश्रवा की बांह पर ऐसा प्रहार किया कि वह कटकर, तलवार सहित अलग जा गिरी।अधिक जानकारी के लिए देखें:- भूरिश्रवा