यदि किसी पिंड का समस्त द्रव्यमान किसी एक बिंदु पर इस प्रकार केंद्रित मान लिया जाए कि इस बिंदु की घूर्णन अक्ष से लंबवत दूरी इतनी हो की दूरी के वर्ग को पिंड के द्रव्यमान से गुणा करने पर पिंड का घूर्णन अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण प्राप्त हो जाए तो इस दूरी को घूर्णन त्रिज्या कहते हैं।